Success story – हेलो दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है अगर आप शुरूवात से पढ़ाई लिखाई अच्छे ढंग से करेंगे और सही निर्देशों का पालन करेंगे, तो सफलता आपके चरण को चूमेगी।
जी हां, आज मैं इस लेख में आपको बोकारो की रहने वाली शांभवी की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूं जिसे देख आप इनसे प्रेरणा ले सकते हैं।
बोकारो थर्मल निवासी अश्विनी कुमार मिश्रा जो की डीवीसी में कार्यरत हैं उनकी बेटी शांभवी शांडिल्य को बहुत बड़ी सफलता मिली है । शांभवी की मां वंदना मिश्रा जो की गृहणी है।
शांभवी शांडिल्य अपनी एमटेक की पढाई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट ग्वालियर से कर रही है, 2024 में एमटेक की पढाई पूरी हो जायेगी । इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी उनका स्ट्रीम है । शांभवी अपनी समर इंटर्नशिप गूगल से 2 बार 2022 एवं 2023 से पुरी की थी।
प्री प्लेसमेंट में गूगल ने शांभवी शांडिल्य को 55 लाख पैकेज में उसे सिलेक्ट कर लिया गया है, जो कि शांभवी के लिए एक सपने पूरा होना जैसा है। शांभवी 1 जुलाई 2024 को बैंगलोर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर पदभार संभालेंगी ।
शांभवी अपनी दसवीं की पढाई आईसीएसई कार्मेल बोकारो थर्मल से पुरी की है और बारवीं की पढाई सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटा राजस्थान से पुरी की। दसवीं में वो 94.8% और बारवीं में 93.8% लाई थी ।
शांभवी बारवीं के बाद उनका चयन आईआईआईटी ग्वालियर में हुआ, जो अपनी बीटेक की पढाई इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी स्ट्रीम से पुरी की थी।
शांभवी का चयन गूगल में होने से उनके पिता का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके पिता ने बताया कि मेरी बेटी ने मेरा सपना पूरा कर दिया। उनकी मां 2 वर्षों से अपने बेटे की पढाई पूरी करने के लिए कोटा में रह रही है।
शांभवी कहती हैं कि मेरी सफलता के पीछे मेरी माता पिता का बड़ा योगदान रहा है । इस सफलता के पीछे उनकी स्कूल कार्मेल बोकारो थर्मल के शिक्षक अर्जुन शाह और प्राचार्या सिस्टर जसिंता का भी रहा है ।
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