EV Vehicles खरीदने के बाद ग्राहक को पसंद नहीं आ रहा है कोई और दूसरा वाहन!

EV Vehicles : पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की लोकप्रियता और संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। EV केवल पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं, बल्कि इन्हें चलाने की लागत भी काफी कम है। इसने न केवल वाहन उद्योग को बदल दिया है, बल्कि लोगों की सोच और पसंद को भी प्रभावित किया है। एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण ने यह साफ कर दिया है कि EV Vehicles का बाजार भविष्य में और अधिक मजबूत होगा।

यह सर्वेक्षण Global EV Alliance द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें भारत सहित 18 देशों के 23,000 EV मालिकों ने भाग लिया। सर्वे के अनुसार, 97% EV मालिक अपने वाहन से संतुष्ट हैं। 92% ने कहा कि वे भविष्य में भी EV ही खरीदेंगे। केवल 1% ने कहा कि वे पेट्रोल या डीजल वाहन को प्राथमिकता देंगे। 4% ने प्लग-इन हाइब्रिड वाहन खरीदने की बात कही।

EV खरीदने के क्या है ख़ास कारण ?

EV Vehicles खरीदने के पीछे कुछ खास कारण सामने आए हैं जिसे की EV चलाने का खर्च पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में बहुत कम है। बड़ी संख्या में लोगों ने EV को पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प बताया 72% लोग होम-चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल करते हैं। 13% ने फास्ट चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग किया।

सर्वे में EV से जुड़ी चुनौतियों पर भी चर्चा की गई । अधिकतर लोगों ने कहा कि कोई बड़ी चुनौती नहीं है। कुछ ने फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स की कमी और धीमी चार्जिंग को समस्या बताया।

EV Vehicles

क्या EV का आगे भविष्य है ?

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स केवल ट्रांसपोर्ट का माध्यम नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का एक मजबूत जरिया भी हैं। सरकार और प्राइवेट कंपनियों के साथ-साथ आम जनता की जागरूकता EV Vehicles को तेजी से अपनाने में सहायक साबित हो रही है। यदि फास्ट-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में सुधार होता रहा, तो EV आने वाले समय में पूरी तरह से पारंपरिक वाहनों की जगह ले सकते हैं।

EV का बढ़ता बाजार साफ संकेत देता है कि यह एक टिकाऊ और किफायती भविष्य की ओर हमारा कदम है। पर्यावरण की सुरक्षा और ईंधन की बचत के लिए EV सबसे बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं। सरकार की नीतियों और योजनाओं का समर्थन प्राप्त कर, भारत EV क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है।

क्या EV वाहन पे सरकार के तरफ से Subsidy है?

भारत सरकार ने EV को बढ़ावा देने और प्रदूषण घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं । हाल ही में केंद्र सरकार ने 14,335 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को मंजूरी दी । PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) इस योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, एंबुलेंस और ट्रकों के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism (PSM) इस योजना के लिए 3,435 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए। जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देना और प्रदूषण कम करना।

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