UPI Payment : मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर इंदौर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहर के सैकड़ों व्यापारियों और दुकानदारों ने साइबर फ्रॉड और अकाउंट्स फ्रीज होने के डर से यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से पेमेंट लेना बंद कर दिया है। इस अप्रत्याशित निर्णय ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है, और वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए व्यापारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
UPI Payment Declined?
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इंदौर में साइबर फ्रॉड की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। व्यापारियों का आरोप है कि UPI Payment स्वीकार करने पर, यदि किसी ग्राहक का बैंक खाता साइबर अपराध में शामिल पाया जाता है, तो पुलिस और बैंक की जांच में व्यापारी का खाता भी संदिग्ध मान लिया जाता है। कई मामलों में बिना पर्याप्त कारण के व्यापारियों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इस डर से, व्यापारियों ने UPI Payment लेना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
व्यापारियों का कहना है कि वे सरकार की ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का हिस्सा हैं और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देते हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति में वे भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। स्थानीय व्यापारी अक्षय जैन ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “हम व्यापार करते हैं, सरकार को टैक्स देते हैं और कई परिवारों को रोजगार देते हैं। लेकिन वर्तमान में बैंक और पुलिस की नीतियों से हमें चोर जैसा मान लिया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “अगर कोई व्यक्ति साइबर फ्रॉड करता है, तो उसे पकड़ा जाना चाहिए, लेकिन व्यापारियों को इसका दोषी मानना अन्यायपूर्ण है।”
इस स्थिति को देखते हुए, व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नोटिस लगा दिए हैं, जिनमें लिखा गया है कि साइबर फ्रॉड की संभावनाओं के कारण यूपीआई पेमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा। व्यापारियों ने घोषणा की है कि वे फिलहाल केवल नकद और क्रेडिट/डेबिट कार्ड के माध्यम से ही भुगतान स्वीकार करेंगे।
स्थानीय प्रशासन ने व्यापारियों की समस्याओं को समझने और उन्हें समाधान प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए हैं। प्रशासन ने व्यापारियों से बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। लेकिन व्यापारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उन्हें उचित सुरक्षा और राहत नहीं दी जाती, वे यूपीआई पेमेंट लेने से इंकार करते रहेंगे।
यह मामला न केवल व्यापार जगत के लिए बल्कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और व्यापारी मिलकर इस समस्या का समाधान कैसे निकालते हैं।
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